समीक्ष्य ग्रंथ में आधुनिक कहानियों को चयनित और संपादित रूप में प्रस्तुत किया गया है। पांच सौ से अधिक पृष्ठों में 101 कहानियों के हिंदी अनुवाद की इस प्रस्तुति से वैश्विक फलक पर राजस्थानी कहानी की विविधता एवं वैभव का परिचय मिलेगा।
इस संकलन में राजस्थानी कहानी को अपने पैरों पर खड़ा करने वाले यशस्वी कहानीकारों में रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत, नानूराम संस्कर्ता, नृसिंह राजपुरोहित, अन्नाराम सुदामा, विजयदान देथा, करणीदान बारहठ, यादवेंद्र शर्मा आदि की कहानियां शामिल हैं। अनेक कहानियों में केवल 101 कहानीकारों और प्रतिनिधि कहानियों का चयन रेखांकित किए जाने योग्य है। कुंवर रवीन्द्र के सुंदर आवरण से सुसज्जित यह संग्रह निश्चय ही राजस्थानी कहानी में ऐतिहासिक कार्य है।
-देवकिशन राजपुरोहित
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101 राजस्थानी कहानियां (कहानी संग्रह) संपादक : डॉ. नीरज दइया
प्रकाशक : के.एल.पचौरी प्रकाशन, 8/ डी ब्लॉक, एक्स इंद्रापुरी, लोनी,गजियाबाद-201102
पृष्ठ : 504 ; मूल्य : 1100 रुपये ; संस्करण : 2019