राजस्थान की बेहतरीन कहानियां / देवकिशन राजपुरोहित

डॉ. नीरज दइया ने राजस्थानी कहानी के पूरे परिदृश्य से प्रतिनिधि कहानियों का चयन कर उनका हिंदी अनुवाद पाठकों को ‘101 राजस्थानी कहानियां’ नामक पुस्तक में परोसा है। संपादक द्वारा पुस्तक के आरंभ में राजस्थानी कहानी के विधागत विकास को केंद्रित रखते हुए लंबी भूमिका में आद्योपांत तथ्यों के साथ अनेक निकष भी हमारे अध्ययन का आकर्षण है। संग्रह में 101 कहानियों के साथ भूमिका में आलोचना-पक्ष को भी उभारते हुए भारतीय भाषाओं के बीच राजस्थानी कहानी को भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखने-समझने के अनेक द्वार खोलें हैं।
समीक्ष्य ग्रंथ में आधुनिक कहानियों को चयनित और संपादित रूप में प्रस्तुत किया गया है। पांच सौ से अधिक पृष्ठों में 101 कहानियों के हिंदी अनुवाद की इस प्रस्तुति से वैश्विक फलक पर राजस्थानी कहानी की विविधता एवं वैभव का परिचय मिलेगा।
इस संकलन में राजस्थानी कहानी को अपने पैरों पर खड़ा करने वाले यशस्वी कहानीकारों में रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत, नानूराम संस्कर्ता, नृसिंह राजपुरोहित, अन्नाराम सुदामा, विजयदान देथा, करणीदान बारहठ, यादवेंद्र शर्मा आदि की कहानियां शामिल हैं। अनेक कहानियों में केवल 101 कहानीकारों और प्रतिनिधि कहानियों का चयन रेखांकित किए जाने योग्य है। कुंवर रवीन्द्र के सुंदर आवरण से सुसज्जित यह संग्रह निश्चय ही राजस्थानी कहानी में ऐतिहासिक कार्य है।
-देवकिशन राजपुरोहित

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101 राजस्थानी कहानियां (कहानी संग्रह) संपादक : डॉ. नीरज दइया
प्रकाशक : के.एल.पचौरी प्रकाशन, 8/ डी ब्लॉक, एक्स इंद्रापुरी, लोनी,गजियाबाद-201102
पृष्ठ : 504 ; मूल्य : 1100 रुपये ; संस्करण : 2019